Текст песни Baarish

तेरा ख़्वाब सजा रहा हूँ मैं तेरे शहर घर आ रहा हूँ मैं;
बारिशों में तू मिल रही है x२;
बादलों को बुला रहा हूँ मैं तेरा ख़्वाब सजा रहा हूँ मैं;
तेरे शहर घर आ रहा हूँ मैं सीसे के सीने से लग रही है;
बूंदे दिलों को ठग रही है x२;
सीखले कुझ तो तू भी इनसे ख़्वैशीएँ मेरी भी जग रही है;
घिसी पिटी सी बात है लेकिन x२;
तेरे चेहरे से ज़ुल्फ़ हटा रहा हूँ मैं तेरा ख़्वाब सजा रहा हूँ मैं.

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